मेरे प्रिय भाइ
एवम बहेनो सिर्फ जय श्रीराम या हर हर महादेव या जय हनुमान कहेने से धर्म का प्रचार
नही होता. हम क्या तब तक किसी को हमारे धर्म के बारे मे बतायेगे जब हमे खुद हमारे
धर्म का पुरा ग्यान नही है. हमारे धर्मग्रंथ दुनिया मे सबसे बडे ओर महान है. पर
टेक्नोलोजी के इस जमाने मे हम सिर्फ उतना ही जानते है जितना टि.वी. ओर सिरियल मे
दिखाते है. मे ये नही कहेता के हमे पुरी जानकारी होनी चाहिये.. पर इतना तो पता होना
चहिये के कोइ यदि 10 सवाल करे रामायण या महाभारत के बारे मे तोह कम से कम 5 सवाल
के जवाब हमे आते होना चाहिये. बस यही सोच कर रामायण एवम महाभारत कि वो बाते जो
कीतबो मे नही लिखि गयी वो आपके सामने रख रहा हु.
रामायण मे हमने सुना है के हनुमानजी बाल
ब्रह्मचारी थे. लेकीन फिर भी बहोत कम लोग ये जानते है के हनुमानजी को एक पुत्र था.
हनुमानजी जब लंका दहन करके अपनी पुंछ मे लगी आग बुजाने के लीये पानी मे जाते है तब
एक मछली हनुमानजी के शरीर से बहेते पसीने की एक बुंद पी लेती है. जिस से मछली एक
बचचे को जन्म देती है .
जिसका नाम मकरधव्ज रखती है. ओर ये हनुमानजी की तरह ही वानर
होता है. हनुमानजी के पसीने से पेदा होने के कारण शक्ति भी हनुमानजी जितनी अपार होती है. ओर पानी मे मछली से पेदा
होने के कारण ये पानी मे भी सरलता से रहेता था. जब हनुमानजी अहिरावण ओर महिरावण का
वध करते है तब मकरधव्ज को पाताललोक का सेनापती बना देते है.
हनुमान के पुछ मे कितने बाल थे?
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