आपको पता है के लंका वास्तव मे रावण की नही थी??ओर पुष्पक विमान भी रावण का नही था.
मेरे
प्रिय भाइ एवम बहेनो सिर्फ जय श्रीराम या हर हर महादेव या जय हनुमान कहेने से धर्म
का प्रचार नही होता. हम क्या तब तक किसी को हमारे धर्म के बारे मे बतायेगे जब हमे
खुद हमारे धर्म का पुरा ग्यान नही है. हमारे धर्मग्रंथ दुनिया मे सबसे बडे ओर महान
है. पर टेक्नोलोजी के इस जमाने मे हम सिर्फ उतना ही जानते है जितना टि.वी. ओर
सिरियल मे दिखाते है. मे ये नही कहेता के हमे पुरी जानकारी होनी चाहिये.. पर इतना
तो पता होना चहिये के कोइ यदि 10 सवाल करे रामायण या महाभारत के बारे मे तोह कम से
कम 5 सवाल के जवाब हमे आते होना चाहिये. बस यही सोच कर रमायण एवम महाभारत कि वो
बाते जो कीतबो मे नही लिखि गयी वो आपके सामने रख रहा हु.
लंका का भव्य निर्माण विश्वकर्माजी ने भगवान शिव के कहेने से किया था.
ओर लंका वास्तव मे धन के भंडार कहे जाने वाले कुबेर कि थी.
रावण ३ भाइ थे ये सभी जानते है.
पर रावण का एक सौतेला भाइ भी था ये बहोत क्म लोग जानते है.
रावण कुबेर का सोतेला भाइ था.
इस लिये जैसे ही रावण के पास आसुरी शक्तिया आयी ओर भगवान शिव ओर
ब्रह्माजी से वरदान मिलते ही रावण ने कुबेर से युध्ध करना चाहा..
पर कुबेर ने रावण को युध्ध किये बिना हि लंका देकर वहा से चले गये.
ओर रावणने जिस पुष्पक विमान मे सिता माता का हरण कीया था वह भी ब्रहमाजी ने कुबेर को
दिया था. जिस से उन्हे समुद्र पार करने मे तकलीफ़ ना हो
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