Sunday, 26 July 2015

क्या आप जानते है के कितने लोग रामायण ओर महाभारत दोनो मे देखे गये थे.?



क्या आप जानते है के कितने लोग रामायण ओर महाभारत दोनो मे देखे गये थे.?
मेरे प्रिय भाइ एवम बहेनो सिर्फ जय श्रीराम या हर हर महादेव या जय हनुमान कहेने से धर्म का प्रचार नही होता. हम क्या तब तक किसी को हमारे धर्म के बारे मे बतायेगे जब हमे खुद हमारे धर्म का पुरा ग्यान नही है. हमारे धर्मग्रंथ दुनिया मे सबसे बडे ओर महान है. पर टेक्नोलोजी के इस जमाने मे हम सिर्फ उतना ही जानते है जितना टि.वी. ओर सिरियल मे दिखाते है. मे ये नही कहेता के हमे पुरी जानकारी होनी चाहिये.. पर इतना तो पता होना चहिये के कोइ यदि 10 सवाल करे रामायण या महाभारत के बारे मे तोह कम से कम 5 सवाल के जवाब हमे आते होना चाहिये. बस यही सोच कर रमायण एवम महाभारत कि वो बाते जो कीतबो मे नही लिखि गयी वो आपके सामने रख रहा हु.
 हनुमानजी :- श्रीरामजी के अनन्य भक्त हनुमानजी जो अजर-अमर है. ये सभी जानते है. ओर ये रामायण एवं महाभारतमे भीम को समजाने आते है. ओर महाभारत के युध्ध मे धर्म पताका के रुप मे अर्जुन के रथ पे ध्वजा मे थे.



जाम्वंतजी :- श्रीरामजी के सेना को मार्गदर्शन देके रामायण मे मह्त्व की भुमिका अदा करने वाले जाम्वंतजी के बारे मे भी आप सभी जानते होगे. भगवान राम ने शिरसागर मे जब समाधि लिथी तब श्रीरामजीने इन्हे द्वापर युग तक जिवित रहेने का वरदान दिया था.
      महाभारतमे जामवंतजी अपनी पुत्री जामवंती का विवाह श्रीक्रुष्णजी से कर के अपना देह त्याग देते है.
श्रीपरसुराम :- रामायण मे ओर महाभारत दोनो मे ये जिवित बताये गये है. महाभारत मे महारथी भिष्मा ओर कर्ण के गुरु थे. शिवजी के अनन्य भक्त होने के बावजुद इनके पास पासुपताश शिवजी का अस्त्र इनके पास नही था. जिसकी वजह से ये गंगा पुत्र भिष्म से युध्ध रोक देते है.
मय दानव :- रामायण मे रावण के ससुर मयदानव थे. ओर ये जब हनुमानजी लंका दहन करते है. तो ये विश्वकर्मा के साथ मिल के मात्र २ दिनो मे पुरी लंका फिर से वैसी हि बना देते है. ओर महाभारत मे पांडवो के लिये भव्य एवम अलोकिक इंद्रप्रश्त का निर्माण ये हि करते है.
इस तरह ये सभी पात्र एसे थे जिनका हमारे दोनो महान ग्रंथो मे विस्तार से जिक्र किया गया है.

No comments:

Post a Comment